Tuesday, June 14, 2011

हद है

अपने दोस्तों से मिलने का Time नहीं,
पर Facebook पर "comment" करने का वक़्त है,
CTC सबका minimum 6 digit p.a. है,
पर गोलगप्पे के पैसे देने में हालत ख़स्त है,
सोचो तो ये सारे बहाने ,
लगता है यार, हद हैं.

DTC की बस की भीड़ में निकलती जान है,
पर disc के crowd में सभी मस्त हैं.
Office में बैठ कर "green tea" लेनी है,
पर किसी की Treat पे तो "लस्सी/beer" ही ज़बरदस्त है.
सोचो तो ये सारे बहाने ,
लगता है यार, हद हैं.

दूसरो का jaundice/typhoid भी छोटा है,
पर अपनी ख़ासी तो "I am allergic to dust" है,
मांगने के लिए भगवान से १०० करोड़ wishes हैं,
पर पूरी होने पर, प्रशाद के लिए १०० रूपए भी जेब पस्त है.
सोचो तो ये सारे बहाने ,
लगता है यार, हद हैं.

साला, जिस थाली में खाते हैं, उसी में छेद करते हैं,
और "Best Friends" कहकर, पीछे bitching से तोड़ते trust हैं.
इंसानियत के नाते, इन्सान नहीं हैं,
पर पहेंनते "Being Human" की टीशर्ट हैं.
सोचो तो ये सारे बहाने ,
लगता है यार, हद हैं.

यार हम connected all the time हैं,
पर दिल के connections कहीं lost हैं,
I hope with VoIP & 3G,
हमारे networks थोड़े और strong हो,
Relationships better और "Friend list" थोड़ी और long हो,
और इस wireless ज़माने में,
हमारे "loved ones" हम से हमेशा wired हो!
देख़े तो लगें , कि ये सारे नज़ारे,
यार इनमें, सच्चाई... बेहद है !!

सप्रेम,
अनन्या श्री